चॉकलेट बैठकों का कमाल, बच्चे जंक फूड से रखने लगे हैं दूरी

श्रमयोग पत्र ब्यूरो

जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया द्वारा पिथौरागढ़ जिले में चीन की सीमा से लगे क्षेत्र के विद्यालयों में शुरू की गई चॉकलेट मीटिंग की अनूठी पहल के अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। बच्चे चाकलेट बैठकों से निकली सीखों को अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी में शामिल कर रहे हैं। पिथौरागढ़ जिले के मुन्स्यारी में 2000 मीटर से अधिक ऊँचाई पर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय तिकसैन के शत-प्रतिशत छात्रों के पास अब गर्म पानी रखने की अपनी बोतल है। बच्चे अब घर से लाया हुआ उबला हुआ पानी पीते है। इस क्षेत्र में पीने का पानी कठोर जल की श्रेणी में आता है। कठोर जल सीधे पीने से बच्चों को कब्ज, जुखाम, खांसी, सिर दर्द, बुखार आदि बीमारियों से पीड़ित होना पड़ता था। ऐसेे में अपनी बोतल में रखे सम तापमान का पानी पीने से छात्र-छात्राओं का सामान्य स्वास्थ्य बेहतर हुआ है। बच्चे अब जंक फूड से भी दूरी बना रहे हैं। बच्चे पूर्व की भाँति अब मैगी के साथ रोटी नहीं खाते। बच्चों के अंदर आ रहे इस परिवर्तन को देखकर अभिभाव तथा शिक्षक आश्चर्य में है।

शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया अपने जिला पंचायत वार्ड के विभिन्न विद्यालयों में गत एक वर्ष से निरन्तर चॉकलेट बैठकें आयोजित कर रहे हैं। मर्तोलिया ने बताया कि चॉकलेट बैठक में शिक्षक, विद्यार्थी, अभिभावक तथा पंचायत प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक की जाती है। इन बैठकों में विद्यार्थियों के साथ दोस्ती बढ़ाने के लिए गीत, कविता, नृत्य आदि गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। दोस्ती के बाद गंभीर बहस तथा सकारात्मक बदलाव हेतु कार्य योजना बनाई जाती है। चाकलेट मीटिंग में अभिभावकों को उनकी जिम्मेदारियों का एहसास भी कराया जाता है। इन बैठकों में पंचायत प्रतिनिधि भी विद्यालय के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं।

राजकीय प्राथमिक विद्यालय तिकसैन की प्रधानाध्यापिका श्रीमती हेमलता पांगती ने बताया कि उनके विद्यालय के शत-प्रतिशत विद्यार्थियों के पास अब गर्म पानी रखने की अपनी बोतल है। ज्ञात रहे पहले बच्चे सिंगल यूज वाली बोतलों में कठोर जल लाकर पीते थे, अब ऐसा नहीं है। विद्यालय में भोजन माता भी विद्यार्थियों को उबला पानी उपलब्ध कराती हैं। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों ने अपने टाइम टेबल बनाए हैं जिसकी एक प्रति घर में चिपकाते हैं और दूसरी अपने कक्षा अध्यापक को देते हैं। उसके अनुसार उनकी दिनचर्या चलती है।

जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया का कहना है कि इस कार्य में शिक्षा विभाग के जिला तथा खंड स्तर के अधिकारियों का सहयोग प्राप्त हो रहा है। विद्यालय के शिक्षक इस अभियान में दिलचस्पी लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। उन्होंने कहा कि इस कॉन्सेप्ट पर आगे भी कार्यक्रम जारी रखे जाएंगे। जिसके लिए समुदाय की मदद ली जाएगी।

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