गठबंधन सरकार-मजबूत विपक्ष

संपादकीय

देश की जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। जनता ने इस बार किसी एक दल को बहुमत न देकर गठबंधन सरकार का जनादेश दिया है। इस चुनाव परिणाम की दूसरी महत्वपूर्ण बात विपक्ष का मजबूत होना रहा। चुनाव परिणामों ने चुनाव के बाद गैर जिम्मेदार मीडिया द्वारा प्रस्तुत चुनाव परिणाम के अनुमानों को भी पूरी तरह नकार दिया। हालाँकि यह उम्मीद करना जल्दबाजी ही होगी कि इन परिणामों के बाद मीडिया लोकतंत्र में अपनी जिम्मेदार भूमिका को समझेगा।

लोकतंत्र की यही खूबी है। लोकतंत्र निरंकुश शासन व तानाशाही को कतई बर्दाश्त नहीं करता। पिछली सरकार बहुत से मौकों पर जनता की भावनाओं व इच्छाओं का अपमान करती हुई दिखी। चाहे किसान आंदोलन हो या जनता के मूल मुद्दे महंगाई और बेरोजगारी, कई मौकों पर दिखा की सरकार बेपरवाह हो गई है। जनता ने इन चुनावों में हिसाब बराबर कर दिया। इन चुनावों में जनता ने बता दिया की वो देश में अमन भाईचारा व सद्भाव चाहती है। खासतौर से उत्तर प्रदेश की जनता ने धार्मिक द्वेष की राजनीति को पूरी तरह नकार कर बहुत साहस का परिचय दिया है।

नई सरकार का गठन हो चुका है। इस बार जनता दल यूनाइटेड व तेलगू देशम पार्टी व अन्य कई दल सरकार में शामिल हैं। जाहिर है सरकार को सभी निर्णय आपसी सहमति से लेने होंगे। इस बार के चुनाव का मुख्य जनादेश एक दल के निरंकुश राज का खत्मा है। जनता ने कहा है कि शासकों को देश में मौजूद विविधता का सम्मान करना ही होगा।

मजबूत विपक्ष का उभर कर आना इस आम चुनाव की सबसे बड़ी जीत है। पिछले दस सालों में विपक्ष खासतौर से लोकसभा में बहुत कमजोर नजर आता था। इसलिए जनता को अपनी अधिकतर लड़ाइयां सडकों पर लड़नी पड़ी। यद्यपि स्वस्थ्य लोकतंत्र में सड़कों की लड़ाई कभी खत्म नहीं होगी, फिर भी मजबूत विपक्ष का होना सरकार को जनता मुद्दों पर ध्यान देने के लिए मजबूर करेगा। मजबूत विपक्ष सरकार को जनविरोधी निर्णय लेने से रोकेगा और सरकार के निर्णयों की जाँच-पड़ताल भी रखेगा।

नई सरकार से जनता की उम्मीदें हैं। जिस तरह से चुनाव परिणाम आने के साथ ही देश की कई बड़ी प्रवेश परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, पेपर लीक की खबरें आयी उसने युवाओं को निराश और आंदोलित किया है। अब जरूरी है कि सरकार काम पर लगे। देश में एनटीए जैसी कई संस्थाओं की कार्यशैली से लोगों का इन संस्थानों के प्रति भरोसा टूट रहा है। यह चिंताजनक बात है। सरकार के लिए जरूरी है कि अपने कृत्यों से वह इन संस्थाओं के प्रति भरोसा कायम करे।

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