आसना
स्वास्थ्य स्वावलंबन के तहत हम सदस्याओं से माहवारी के विषय में भी बात कर रहे हैं। माहवारी के दौरान महिलाओं की दिनचर्या पर बात कर रहे हैं कि उन दिनों वो क्या करती हैं, क्या खाती हैं आदि। सदस्याएं बताती है कि उनको शुरु के तीन दिन अपने कमरे से अलग दूर रहना होता है और दूध से बनी हुई चीजें या दूध उनको नहीं दिया जाता। महिलाएं आमतौर पर सूती कपड़ा उपयोग करती हैं। माहवारी के दौरान स्वच्छता के विषय पर महिलाओं के साथ अभी बहुत कुछ किया जाना बाकि है। हम इसे अपनी भविष्य के कार्ययोजना में शामिल करना चाहते हैं।
माहवारी के दौरान स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं की चर्चा करते हुए महिलाएं कहती हैं कि पेट दर्द, सर दर्द, कमर दर्द, चिडचिडाहट, उदासी, गुस्सा उस दोरान वो महसूस करती हैं। माहवारी के दौरान महिला को परिवार व समाज से पृथक कर देना महिलाओं को मानसिक पीड़ा देता है, ऐसा बहुत सी महिलाओं का कहना है। महिलाएं माहवारी के दिनों में भोजन को लेकर समाज में जो तमाम तरह के मिथ हैं उनकी असलियत जानना चाहती हैं। उन दिनों किस तरह का भोजन करना चाहिए यह भी जानना चाहती हैं। हम भविष्य में इस विषय पर गंभीरता से काम करने की योजना बना रहे हैं।