नशा विरोधी जन अभियान टीम ने नशा तस्करों के खिलाफ खोला मोर्चा

डीएम से मिलकर नशे की तस्करी बंद करवाने का किया अनुरोध

पत्रकार और साथियों पर दर्ज फर्जी मुकदमे वापस लेने की मांग

देहरादून, 7 सितंबर
नशा विरोधी जन अभियान टीम ने नशा तस्करों के खिलाफ सक्रिय रूप से मोर्चा खोल दिया है। अब तक यह टीम विभिन्न स्थानों पर नशा विरोधी जन जागरूकता अभियान चला रही थी। ऋषिकेश में पत्रकार योगेश डिमरी पर शराब माफिया द्वारा किए गए कातिलाना हमले के बाद, टीम ने नशा तस्करों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का आह्वान किया है।
टीम के सदस्यों ने शनिवार को जिले के नव-नियुक्त जिलाधिकारी (डीएम) सविन बंसल से मुलाकात की। उनका स्वागत करने के बाद, टीम ने उन्हें देहरादून में तेजी से फैलते ड्रग्स के व्यापार के बारे में अवगत कराया। इसके साथ ही, टीम ने ऋषिकेश में पुलिस के संरक्षण में हो रहे अवैध शराब के धंधे का मुद्दा उठाया।
टीम ने पत्रकार योगेश डिमरी पर हुए हमले के आरोपियों की शिकायत पर, पत्रकार और उसके साथियों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों की सत्यता पर सवाल उठाया और इन मुकदमों को तुरंत वापस लेने की मांग की।
डीएम से मुलाकात करने वाली टीम में डॉ. रवि चोपड़ा, कमला पंत, निर्मला बिष्ट, नन्द नंदन पांडे, विजय भट्ट, इंद्रजीत कौर, त्रिलोचन भट्ट, हिमांशु चौहान और सुधीर बड़ौला सहित अन्य सदस्य शामिल थे। डीएम ने आश्वासन दिया कि उठाए गए मुद्दों पर प्राथमिकता से विचार किया जाएगा, और जिले को नशामुक्त करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
इससे पहले, टीम ने एक बैठक का आयोजन किया। बैठक में रविवार, 8 सितंबर को सेलाकुई में होने वाले जन जागरूकता मार्च की तैयारियों की समीक्षा की गई। यह भी निर्णय लिया गया कि सोमवार को टीम के कुछ सदस्य ऋषिकेश जाकर पत्रकार योगेश डिमरी से मिलकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे। इसके बाद, सीओ ऋषिकेश से मिलकर पत्रकार और उनके साथियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की जाएगी। टीम के सदस्य ऋषिकेश में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित करेंगे, जिसमें अभियान की आगामी रणनीति के बारे में जानकारी दी जाएगी।
प्रेस के लिए जारी बयान में, टीम के सदस्यों ने कहा कि योगेश डिमरी ऋषिकेश में वही काम कर रहे थे, जो हम लोग देहरादून में कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य समाज, विशेषकर युवा पीढ़ी को नशे से बचाना है। ऐसे में, योगेश डिमरी पर हुआ हमला नशे के खिलाफ आवाज उठाने वाले हर व्यक्ति पर हमला है। यह घटना दर्शाती है कि नशा तस्कर अपने व्यापार को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। अब ऐसे किसी भी प्रयास को सहन नहीं किया जाएगा, और ड्रग्स तथा शराब तस्करों के खिलाफ हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने तस्करों को चेतावनी दी कि वे पुलिस और संबंधित अधिकारियों से मिलीभगत करके जो तस्करी का धंधा चला रहे हैं, उसे तुरंत बंद कर दें। अन्यथा, परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। अब उत्तराखंड में नशे की तस्करी किसी भी हाल में स्वीकार नहीं की जाएगी।

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