श्रमयोग पत्र ब्यूरो

रचनात्मक महिला मंच को राज्य स्तरीय संगठन बनायेंगे, यह निर्णय रचनात्मक महिला मंच व श्रमयोग के वार्षिक मंथन कार्यक्रम में लिया गया। ज्ञातव्य है कि अभी मंच अल्मोड़ा व पौड़ी गढ़वाल जिले में अपनी गतिविधियों का संचालन कर रहा है। मंथन कार्यक्रम के दौरान चली तीन दिवसीय गहन चर्चाओं में कहा गया कि रचनात्मक महिला मंच विगत दस वर्षों से महिलाओं, किसानो व बच्चों के तमाम मुद्दों पर जहाँ एक और रचनात्मक कार्यक्रम कर रहा है वहीं हर जरूरत पर संघर्ष का रास्ता भी अख्तियार किया गया है।
पिछले दस वर्षों में मंच ने महिला किसानों को उनके कृषि उत्पादों के उचित दाम दिलाने, महिला व किशोरियों के स्वास्थ्य के विषयों पर जागरूकता, प्रत्येक सदस्य के पास समृद्ध सब्जी वाटिका, महिलाओं के कौशल विकास, पंचायतों में महिलाओं की मजबूत भागीदारी, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण व संवर्धन जैसे अनेक रचनात्मक कार्यो के अनुभव हासिल किये हैं। साथ ही मनरेगा की मजदूरी का सही समय पर भुगतान, नशे के खिलाफ आंदोलन, अपनी फसलों के एम0एस0पी0, महिला सुरक्षा व बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष में होने वाली मौत एवं घायलों का मुआवजा बढा़ने जैसे मुद्दों पर लम्बे आंदोलन किये है। मंच के आंदोलन का ही परिणाम था कि सरकार ने मुआवजे में बढ़ोतरी की।
मंथन के दौरान सभी की एक राय थी कि मंच का विस्तार अब राज्य स्तर पर होना चाहिए ताकि मंच राज्य में एक मजबूत जन संगठन के रूप में महिलाओं व किसानों के मुद्दों को ज्यादा मुखरता से उठा सके। तय किया गया कि पहले चरण में सभी 13 जिलों में मंच की जिला इकाइयां गठित की जाएँगी व दूसरे चरण में सभी 95 ब्लॉक में ब्लॉक इकाइयों का गठन किया जायेगा।
इसके अतिरिक्त मंथन कार्यक्रम के दौरान अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई। कहा गया कि श्रमयोग की विचारधारा को पूरी मजबूती के साथ थाम कर ही आगे बढ़ेंगे व श्रमयोग व रचनात्मक महिला मंच के चले आ रहे कार्यक्रमों को मजबूती के साथ लागू किया जायेगा। इस वर्ष हर माह अध्ययन यात्राओं का आयोजन किया जायेगा और नए गांव को अपने कार्यक्षेत्र में शामिल करते हुए महिलाओं को रचनात्मक महिला मंच में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जायेगा। यह भी तय किया गया की इस वर्ष सरकारी योजनाओं के विषय में ग्रामीणों को अधिक से अधिक जानकारी देते हुए उन्हें योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया जायेगा। ऐसे ग्रामीण जिनको पात्र होने पर भी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, मंच उनके साथ खड़ा होगा व जरूरत होने पर संघर्ष भी किया जायेगा।
मंथन के दौरान श्रमयोग पत्र की भूमिका पर भी चर्चा की गई। मंथन में उपस्थित सभी जनों का कहना था कि हमारे कार्यों के विस्तार में श्रमयोग पत्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। श्रमयोग पत्र आगामी अप्रैल माह में अपने 10 वर्ष पूरे करने जा रहा है। अतः एक दशक की यात्रा पूरी होने के अवसर पर एवं 11वे वर्ष को सामुदायिक पत्रकारिता के प्रचार-प्रसार व सदस्यता बढ़ाओ अभियान के लिए समर्पित किया जायेगा।