हेमा, बिरलगांव तल्ला
नमस्कार! मेरा नाम हेमा है। मैं बिरलगांव तल्ला में रहती हूँ। जब एक लड़की आगे बढ़ना चाहती है तो क्यों वह आगे नहीं बढ़ पाती, यही आज मेरे मन में सबसे बड़ा प्रश्न है। अभी कुछ दिन पहले ही मैंने कक्षा 12 की परीक्षा दी है। परीक्षा शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद, मेरे दिमाग में बहुत सारी बातें आ रही हैं कि मैं आगे क्या करूं? क्या मुझे अपने सपने पूरे करने के लिए, मेरे परिवार वालों का सहारा मिल पाएगा या नहीं? तब मैं सोचती हूं कि, क्यों एक लड़की आगे बढ़कर अपने सपने पूरे नहीं कर पाती?
किसी भी लड़की को आगे बढ़ने के लिए अपने माता-पिता का सहारा मिलना बहुत जरूरी है। आज के समय में परिस्थितियाँ बहुत बदल चुकी हैं। पर आज भी कुछ लोगों की मानसिकता पहले जैसी ही है। उनका मानना है कि लड़की को अगर 12वीं पास करा दिया तो बहुत बड़ी बात हो गई। फिर वह उसकी शादी कर देते हैं। अगर किसी लड़की को उसके माता-पिता का सहारा मिल भी जाए तो फिर यह समाज उस लड़की को न जाने क्या-क्या कहता है। उसको लेकर गलत मानसिकता रखता है।
अगर मैं अपनी बात करूं तो मुझे मेरे माता-पिता का सहारा मिल भी जाए तो, फिर भी मुझे न जाने कितनी परेशानी झेलने होगी। अपने घर से बाहर जब निकलुंगी तो न जाने किसकी सोच कैसी होगी। इस समाज में कुछ लोग तो लड़कियों के लिए अच्छी मानसिकता रखते हैं, पर समाज में सभी लोगों की मानसिकता एक जैसी नहीं होती है। क्या एक लड़की होना गलत है? या फिर लड़की होकर अपने सपने पूरा करने की बात सोचना गलत है?