बरसात में फंगल इन्फेक्शन से सावधान!!

शंकर दत्त

बरसात का मौसम आते ही फंगल इन्फेक्शन की समस्या बढ़ जाती है। हवा में  नमी और धूप की कमी की वजह से यह मौसम फंगल संक्रमणों के बढ़ने के लिए उपयुक्त होता है। हवा में लगातार नमी के कारण, त्वचा पर हमेशा पसीने की एक परत बनी रहती है, जो कई प्रकार के फंगल इन्फेक्शन के प्रति हमें संवेदनशील बनाता है। बरसात के मौसम में होने वाली इन फंगल संक्रमण की वजह से पैर की उंगलियों के बीच की त्वचा, कमर का हिस्सा, आंतरिक जांघें, और आंखें भी प्रभावित हो सकती हैं। बरसात के इस मौसम में सामान्य संक्रमण और इससे बचाव की जानकारी फंगल इन्फेक्शन से बचाव करने में हमें मदद कर सकती है। मानसून में होने वाले कुछ प्रमुख फंगल इन्फेक्शन इस प्रकार हैं।

एथलीट फुट (टीनिया पेडिस)

ह एक आम फंगल इन्फेक्शन है, जो पैरों की त्वचा को प्रभावित करता है, खासकर पैर की उंगलियों के बीच। यह गर्म और नम वातावरण में पनपता है।

रिंगवॉर्म (टीनिया कॉर्पोरिस)

रिंगवॉर्म यानी दाद फंगस के कारण होने वाला स्किन इन्फेक्शन है। इससे त्वचा पर गोलाकार और लाल धब्बे हो जाते हैं, जिनमें अक्सर खुजली होती है। यह शरीर के विभिन्न अंगों पर हो सकते हैं। यह संक्रमित त्वचा के संपर्क में आने से फैल सकता है।

जॉक इच (टीनिया क्रूरिस)

यह फंगल संक्रमण कमर के क्षेत्र, भीतरी जांघों को प्रभावित करता है, जिससे खुजली, लालिमा और दाने हो जाते हैं।

नेल फंगस (ओनिकोमाइकोसिस)

नाखूनों में फंगल संक्रमण होना नेल फंगस कहलाता है। यह आमतौर पर पैर की उंगलियों में होता है और यह नाखूनों के मोटा होने, रंग खराब होने और टूटने का कारण बन सकता है।

कैंडिडिआसिस

कैंडिडिआसिस कैंडिडा फंगस के कारण होता है और शरीर के विभिन्न हिस्सों को जैसे मुंह, जननांग क्षेत्र और त्वचा की परतों को प्रभावित कर सकता है।

फंगल केराटाइटिस

यह एक गंभीर फंगल संक्रमण है, जो आंख के कॉर्निया को प्रभावित करता है और अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो विजन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

पैरों में उँगलियों के बीच में फंगल संक्रमण की समस्या के लिए प्राकृतिक उपचार

यदि आपके पैरों में उँगलियों के बीच में फंगल संक्रमण की समस्या है तो आप बेकिंग सोडा का प्रयोग कर सकते हैं। बेकिंग सोडा एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है, जो खुजली और इंफेक्शन से राहत देने का काम करता है। बेकिंग सोडा से खुजली दूर करने के लिए एक कप गर्म पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर लगभग 20 मिनट तक पानी में पैरों को डुबोकर रखें। बेकिंग सोडा में मौजूद गुण त्वचा को शांत करके खुजली और इंफेक्शन में राहत देता है।

नीम के पत्तों में एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण मौजूद होते हैं, जो संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं। इस उपाय को करने के लिए नीम के पत्तों को उबालकर उसका पानी ठंडा होने के बाद प्रभावित क्षेत्र पर लगा लें। नीम के पत्ते त्वचा को साफ करके खुजली- इंफेक्शन की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं।

एप्पल साइडर विनेगर पैर के संक्रमण और खुजली के लिए एक बढ़िया उपाय है। इस उपाय को करने के लिए एप्पल साइडर विनेगर और पानी की बराबर मात्रा लेकर अपने पैरों को साफ करें। इसके बाद एक टब में विनेगर और पानी का मिश्रण डालकर उसमें पैर 5-20 मिनट के लिए डालकर बैठ जाएं। इसके बाद पैरों को पानी से धोकर अच्छी तरह सुखाएं। दिन में एक बार जरूर करना चाहिए।

नारियल तेल में एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा को फायदा पहुंचाकर इंफेक्शन की समस्या को दूर करते हैं। नारियल तेल के इस उपाय को करने के लिए नारियल तेल को गर्म करके प्रभावित जगह पर लगाने से त्वचा को नमी मिलने के साथ खुजली की समस्या में भी राहत मिलेगी।

यदि घरेलू उपचार से आपके फंगल संक्रमण में कोई लाभ नहीं हुआ है और आपके लक्षण और भी बदतर हो गए हैं, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। अगर आपको पैर में फंगल संक्रमण के साथ-साथ मधुमेह, नाखूनों के आसपास रक्तस्राव, नाखूनों के आसपास दर्द या सूजन व चलने में परेशानी जैसे लक्षण है, तो आपको तुरंत अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करना चाहिए।

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