कठपुतली के माध्यम से, बच्चे खेल-खेल में समझ रहे हैं विज्ञान!!
श्रमयोग पत्र ब्यूरो चीका (कैथल) राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद विज्ञान में प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के उत्प्रेरण से इंडियन रिसोर्स एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन (इरादा) के तत्वाधान में आज विज्ञान ज्योति (विज्ञान मेले) का शुभारंभ आज एसडी सीनियर सेकेंडरी स्कूल चीका में किया गया। स्कूल के बच्चों द्वारा सभी अतिथियों का तिलक कर स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री गणेश शास्त्री द्वारा की गई। मेले में मुख्य आकर्षण का केंद्र कठपुतली, वाटर राकेट एवं खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच, खेल-खेल में विज्ञान, एलईडी बल्ब का मेकिंग और रिपेयर, कम लागत में टीचिंग एड,
उत्तराखण्ड में जंगल की आग विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला
श्रमयोग पत्र ब्यूरो आज देहरादून में उत्तराखण्ड में जंगल की आग विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि पिछले कुछ वर्षाें से उत्तराखण्ड में जंगल की आग निरन्तर मानव व वन्य जीवों की जान ले रही है। साथ ही जंगलो को भारी नुकसान हो रहा है। इन वर्ष भी जंगल की आग ने कई लोगों की जान ली है, आजीविका नष्ट कर दी है और जैव-विविधता पर कहर बरपाया है। वक्ताओं ने कहा कि जंगल की आग हर वर्ष पहले से अधिक विनाशकारी होती जा
जातिगत भेदभाव की कुप्रथा में डूबे हुए हमारे समाज
राकेश जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न भारतीय समाज की गहरी और पुरानी समस्या है। हालांकि कानूनी प्रावधान और संविधान से सुरक्षा की गारंटी है पर वास्तव में जातिगत भेदभाव निरंतर मौजूद है। उत्तराखंड के जोशीमठ ब्लॉक के सुभाईं गाँव में हाल ही में घटित घटना ने इस भेदभाव और उत्पीड़न को फिर से उजागर कर दिया है। सुभाईं गाँव में दलित परिवारों पर धार्मिक आयोजन के दौरान ढोल न बजाने के आरोप में जुर्माना लगाने और सामाजिक बहिष्कार का प्रस्ताव पारित किया गया। इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि आज भी
भूस्खलन-संवेदनशील उत्तराखंड
आसना, सल्ट (अल्मोड़ा) मानसून सीजन शुरू हो गया है। अब वर्षा होने से जहाँ एक और गर्मी से राहत मिली है तो दूसरी और पहाड़ों में भूस्खलन की खबरें आने लगी हैं जबकि अभी मानसून सीजन की शुरुआत ही हुई है। मौसम विभाग की वेबसाइट के अनुसार उत्तराखंड में 1 जुलाई से आज 17 जुलाई तक 302 मीमी वर्षा हो चुकी है। राज्य में वर्षा की शुरुआत कहीं मूसलाधार वर्षा से हुई तो कहीं बदल फटने की ख़बरें भी आयी। जगह-जगह भूस्खलन होने से भारी मात्रा में मलवा सड़कों पर आ गया, इस वजह से
जंगलों में आग आज वैश्विक चिंता का विषय है
शंकर दत्त बहुत से अध्ययन बता रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन ने हाल के वर्षों में दुनियाभर में जंगलों में आग लगने की घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि की है। बढ़ते तापमान, लंबे समय तक सूखा और भारी वर्षा आग के फैलने और तीव्र होने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनाती हैं। वनों की कटाई, भूमि उपयोग में परिवर्तन और आकस्मिक प्रज्वलन सहित मानवीय गतिविधियों से यह समस्या और भी बढ़ जाती है। हाल के आँकड़े बताते हैं कि जंगल की आग का जलवायु, पशुधन, मानव जीवन, वन्य जीवन और संपत्ति पर गम्भीर प्रभाव
पेड़ों की लॉपिंग न होना एवं सड़कों में गड्ढे दुर्घटना का कारण
उमा, फील्ड रिपोर्टर 13 जुलाई, मौलेखाल (सल्ट) अल्मोड़ा जिले के सल्ट ब्लॉक में पिछले दो माह में पांच वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। जिसमे एक बुजुर्ग महिला व् छोटे बच्चे की मौत हो गई व कई लोग घायल हुए। वाहन चालकों का कहना है कि सल्ट ब्लॉक के आतंरिक मार्गों में पेड़ों की लॉपिंग न होने की वजह से सामने से आने वाले वाले वाहन नजर नहीं आ रहे हैं, जिस वजह से दुर्घटना हो रही है। साथ ही सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं, जिसकी वजह से आये दिन वाहन दुर्घटनाएं हो रही हैं