मंच को बनायेंगे राज्य स्तरीय संगठन

श्रमयोग पत्र ब्यूरो रचनात्मक महिला मंच को राज्य स्तरीय संगठन बनायेंगे, यह निर्णय रचनात्मक महिला मंच व श्रमयोग के वार्षिक मंथन कार्यक्रम में लिया गया। ज्ञातव्य है कि अभी मंच अल्मोड़ा व पौड़ी गढ़वाल जिले में अपनी गतिविधियों का संचालन कर रहा है। मंथन कार्यक्रम के दौरान चली तीन दिवसीय गहन चर्चाओं में कहा गया कि रचनात्मक महिला मंच विगत दस वर्षों से महिलाओं, किसानो व बच्चों के तमाम मुद्दों पर जहाँ एक और रचनात्मक कार्यक्रम कर रहा है वहीं हर जरूरत पर संघर्ष का रास्ता भी अख्तियार किया गया है। पिछले दस वर्षों में

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2024 में मंच का संघर्ष और सफलता निर्मला देवी

निर्मला देवी संरक्षक, रचनात्मक महिला मंच रचनात्मक महिला मंच ने 2024 में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर संघर्ष किया और सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाई। महिला सुरक्षा, सार्वजनिक परिवहन की समस्याएं, और वन्यजीवों के बढ़ते खतरे जैसे विषयों पर मंच ने लगातार काम किया। मंच द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर सरकार ने संज्ञान लिया और आवश्यक सुधारों की दिशा में कदम उठाए। उदाहरण के तौर पर, गढ़वाल बस हादसे को लेकर मंच द्वारा ज्ञापन सौंपने के बाद सरकार ने बसों की संख्या बढ़ाई और सड़कों की मरम्मत का कार्य शुरू किया। आने वाला वर्ष 2025

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सल्ट में बहने वाला एक प्रमुख गधेरा-बदनगड़

शंकर दत्त बदनगड़ गधेरा अल्मोड़ा जिले के सल्ट विकास खंड में बहने वाला का एक प्रमुख गधेरा है। साल भर बहने वाला ये गधेरा गुलार गांव के निकट से प्रारम्भ हो कर मरचूला के पास रामगंगा नदी से मिल जाता है। ऊपरी क्षेत्र मे रहने वाले लोग इसे गुलार की गाड़ के नाम से पुकारते हैं, जबकि भ्याड़ी गांव से नीचे इसे बदनगड़ गधेरा कहा जाता है। गुलार से मरचूला तक लगभग 10 छोटे बड़े रौले इस गधेरे में मिलते है। इनमे बेलू, सिगराली और देवता रौला प्रमुख है। गुलार, तया तोक, कूपी, रीठा, कायण,

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मैं लिखती…..

चन्द्रा, देहरादून कभी कभी में सोचती हूँ…. मैं अकेले सफर कर रही होती तो मैं लिखती, लिखती उन तमाम एहसासों के बारे में…. मैं लिखती ढलते सूरज की खूबसूरती में खुद को सराबोर करने की खुशी…. मैं लिखती चलते हुए पीछे छूटते चीड़ की कतारों की छांव में खुद की परछाई देखने की खुशी और महसूस करना कि अपना साथ कभी कितना खूबसूरत लगता है, मैं लिखती इन ओस की बूंदों की कहानी जो मेरे सूखे मन में नमी ला देती हैं, मैं लिखती उन तमाम झुर्री पड़े चेहरों की मुस्कुराहटों के बारे में जिन्होंने

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प्रोबायोटिक्स

शंकर दत्त प्रोबायोटिक्स जीवित बैक्टीरिया और यीस्ट हैं जिन्हें कई बीमारियों को रोकने में फायदेमंद माना जाता है। इन्हें आमतौर पर दही के रूप में खाया जाता है और इन्हें ‘अच्छे बैक्टीरिया‘ भी कहा जाता है। प्रोबायोटिक्स के बारे में कहा जाता है कि ये आंत में बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखते हैं, जब यह संतुलन लंबे समय तक एंटीबायोटिक के इस्तेमाल या पेट संबंधी बीमारी के कारण बिगड़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की 2001 की परिभाषा के अनुसार, प्रोबायोटिक्स ‘जीवित सूक्ष्मजीव हैं, जो पर्याप्त मात्रा में दिए जाने पर मेजबान को

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यूसर्क के सहयोग से प्रसंस्करण व उद्यमिता विकास केंद्र प्रारम्भ 

11 फरवरी, मौलेखाल, सल्ट, अल्मोड़ा हिनोला (मौलेखाल) में आज श्रमयोग व रचनात्मक महिला मंच के केंद्र पर उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) के सहयोग से प्रसंस्करण व उद्यमिता विकास केंद्र का प्रारम्भ किया गया। इस अवसर पर रचनात्मक महिला मंच की अध्यक्ष सुनीता देवी ने कहा कि हम लंबे समय से इसके लिए प्रयासरत थे। यूसर्क के सहयोग व श्रमयोग के प्रयासों से अब यह संभव हुआ है। मंच की संरक्षक निर्मला देवी ने यूसर्क का धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे महिलाओं की आमदनी में इज़ाफ़ा होगा। इस अवसर पर श्रमयोग के शंकर दत्त ने

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