विश्व पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस

3 मई आसना, श्रमयोग पत्रकारिता को लोकतंत्र का चैथा स्तंभ कहा जाता है। पत्रकारिता के माध्यम से ही हम जैसे आम लोगों की समझ बनती व बढ़ती है। पत्रकारिता समाज का आईना है। पत्रकारिता के माध्यम से जनता सत्ता में बैठे लोगों के सामने अपने सवाल रख सकती है, परन्तु वर्तमान में सच्चे पत्रकारों को अपने अस्तित्व के लिए जूझना पड़ रहा है। पत्रकारिता का अत्यधिक व्यवसायीकरण हो गया है और जनता का पत्रकारिता पर विश्वास खत्म हो रहा है। 3 मई को विश्व पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह दिन प्रेस की स्वतंत्रता

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24 अप्रैल: पंचायती राज दिवस

पंचायती राज मजबूत लोकतन्त्र का आधार अजय 24 अप्रैल 2024 को देश में 73वां संविधान संशोधन लागू हुए 31 वर्ष पूरे हो जायेंगे। 73वें संविधान संशोधन के द्वारा भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय शासन व्यवस्था में जन भागीदारी के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ। इस अधिनियम द्वारा भारतीय संविधान में एक नया भाग-9 जोड़ा गया और इसमें अनुच्छेद 243 से 243-अ तक के प्रावधान शामिल किये गये। इस अधिनियम द्वारा संविधान में एक नई 11वीं अनुसूची भी शामिल की गई इसमें पंचायतों के 29 कार्यात्मक विषय शामिल किये गये। 24 अप्रैल 1993 के दिन इसे

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नागरिक सुरक्षा संगठन की सराहनीय पहल

देहरादून में आज लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान की प्रक्रिया में दिव्यांगजनों एवं अत्यंत वृद्ध जनों की मतदान करने में सहायता हेतु नागरिक सुरक्षा संगठन के 65 वार्डन ने सहयोग किया। वार्डन ने अलग-अलग बूथ पर प्रातः 7 बजे से दिव्यांगजनो तथा वृद्ध मतदाताओं को व्हीलचेयर आदि के माध्यम से निस्वार्थ भाव से मतदान करने में सहयोग किया। इस दौरान नागरिक सुरक्षा संगठन के डिप्टी कंट्रोलर श्यामेन्द्र कुमार साहू सहित नागरिक सुरक्षा के घटना नियंत्रक अधिकारी नीरज उनियाल, वार्डन विपिन चाचरा, संजय मल, वीना उपाध्याय, मीना शर्मा, शिवा नामदेव, शालिनी अग्रवाल, बलविंदर सिंह, वसीम खान,

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मंच चला रहा मतदाता जागरुकता अभियान

राकेश रचनात्मक महिला मंच 6 अप्रैल से सल्ट क्षेत्र के स्कूलों, बाजारों, और गांवों में मतदाता जागरूकता अभियान चला रहा है। यह अभियान लगभग 150 गावों में चलाया जा रहा है। 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में सल्ट विधानसभा क्षेत्र में मात्र 38.75 प्रतिशत मतदान हुआ था। जिसमें मात्र 31.03 प्रतिशत पुरुषों व 46.78 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया था। पिछले लोकसभा चुनावों में मतदान के कम प्रतिशत को देखते हुए मंच ने लोकसभा चुनावों से पूर्व मतदाता जागरूकता कार्यक्रम करने का निर्णय लिया। ज्ञातव्य है कि उत्तराखंड में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनावों के

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“मतदान अवश्य करें”

रचनात्मक महिला मंच चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है। उत्तराखण्ड राज्य के नागरिक आगामी 19 अप्रैल को लोकसभा के चुनाव के लिए मतदान करेंगे और अपने प्रतिनिधियों को चुनाव करेंगे। चुने गए हमारे प्रतिनिधि आगामी 5 वर्षों तक संसद में देश के विकास के लिए नियम-कानून व नीतियां बनाएंगे। इसलिए जरूरी है कि हम अपने प्रतिनिधियों को चुनाव पूरी सजगता से करें। भारत का संविधान सभी व्यस्क, यानी 18 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को वोट डालने का अधिकार देता है। चुनाव आयोग के अनुसार जो भी युवा 1 अप्रैल 2024 तक 18 साल

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अवसाद (डिप्रेशन) की समस्या

डा0 वन्दना, बैंगलुरु अवसाद क्या है? इसके लक्षण क्या हैं? यह कैसे हो जाता है? आदि जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि हमें इसके बारे में क्यों जानना है। क्या यह गंभीर समस्या है? क्या यह बीमारी गंभीर है? जो मुझे या मेरे रिश्तेदारों को परेशान कर सकती है? हम कैसे पता करें? जो व्यक्ति उदास या निराश महसूस करता है या शरीर में बहुत दर्द है वह सिर्फ आम दिनचर्या की थकान है, या अवसाद की शुरुआत है। अवसाद सिर्फ एक मानसिक रोग है? या इसमें शरीर में भी कुछ बदलाव आता

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